रिश्ता बहुत गहराता है।
एक छोटा धागा राखी बन,
बड़ा अहसास करवाता है।
ऽ भागमभाग जीवन में जब जब,
यह प्यारा दिन आ जाता है।
स्नेह से भीगती पलकों को,
बचपन याद करवाता है।
ऽ भोली भाली छुटकी हो या,
सीख सिखाती बड़ी बहना।
प्यार से बाँधा यह बन्धन,
माँ का अहसास करवाता है।
ऽ एक चाहत जिसे पाने को,
हर शख्स अधीर हो जाता है।
राखी के एक धागे से,
भैया का संसार महक जाता है।
ऽ एक बंधन जो बन्धन होकर भी,
स्वतंत्र अहसास करवाता है ।
रिश्ते को मजबूत बना,
भाई को जिम्मेदार बनाता है।
डी पी माथुर
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